बिहार चुनाव: उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से तोड़ा नाता, अब हाथी पर करेंगे सवारी

पटना : बिहार में चुनावों की तारीख नजदीक आते ही महागठबंधन में उठापटक तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने यूपीए से नाता तोड़ दिया है. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने एक बड़ा एलान किया है. बिहार चुनाव के लिए उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने अब बीएसपी और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट के साथ मिलकर गठबंधन करने की घोषणा की है. यह मोर्चा उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा.

सूत्रों के मुताबिक ये बात भी सामने आई है की उपेंद्र कुशवाह एनडीए से भी संपर्क में थे, लेकिन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी और आज उन्होंने बड़ा एलान किया है. बीएसपी के साथ सियासी गठबंधन को लेकर कुशवाहा ने आज पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर औपचारिक एलान किया. चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय जनता दल  के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं. साथ ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर भी कुशवाहा नाराज चल रहे थे. इन सबके बीच कुशवाहा ने यूपीए का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल होने की कोशिश, लेकिन वहां भी सीटों पर सहमति न बन पाने के बाद तीसरा मोर्चा बनाने का फैसला किया है.

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बता दें कि उपेद्र कुशवाहा की रालोसपा, महागठबंधन का हिस्सा बनने से पहले एनडीए के साथ थी, लेकिन 2018 में कुशवाहा एनडीए से अलग हो गये. उपेंद्र कुशवाहा आरएलएसपी के संस्थापक हैं. मोदी सरकार में साल 2014 में उन्हें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद जब कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो उपेंद्र कुशवाहा को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री के पद से इस्तीफे के साथ ही एनडीए से भी नाता तोड़ दिया था. इसके बाद वह महागठबंधन का हिस्सा बन गए थे, लेकिन अब उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने का फैसला किया है.

 

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