अतिक्रमण से ट्रैफिक व्यवस्था चौपट, 15 फीट बची सड़क

दरभंगा । शहर की चौड़ी सड़कों पर अतिक्रमण का ऐसा ग्रहण लगा है कि सड़क पर संभलकर ना चले आदमी तो परेशान हो जाए। दरभंगा के कादिराबाद से बेला मोड़ और म्यूजियम गुमटी से बेंता चौक तक अपनी चौड़ाई के कारण अलग पहचान रखनेवाली सड़क पर भी जाम लगना रोज की बात हो गई है। लोग धक्के खाने को मजबूर हैं। सुबह होने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाती है। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा। अतिक्रमण के कारण 36 फीट से ज्यादा चौड़ी शहर प्रमुख सड़कों की चौड़ाई पिक आवर (दिन) में 15 फीट हो जाती हैं। दो लेन की जगह सिगल लेन से लोग किसी तरह निकलते हैं। हाई-स्पीड गाड़ियां सड़कों पर रेंगती नजर आती हैं।

लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण पर अधिकारियों का ध्यान नहीं

आश्चर्य की बात तो यह है कि आमलोगों के साथ-साथ सरकारी अफसर और नेता इन सड़क खंडों से रोज गुजरते हैं। लेकिन शहरी क्षेत्र में धीरे-धीरे बढ़ते अतिक्रमण पर किसी की नजर नहीं पड़ती है। अतिक्रमणकारी धीरे-धीरे वैसी सड़कों पर कब्जा जमा रहे है, जहां सड़क किनारे की जमीन खाली है। पहले यह एक-एक कर अपनी अस्थायी झोपड़ियां तैयार करते हैं। कुछ दिन तक यदि सरकारी तंत्र की ओर से कोई सख्ती नहीं बरती जाती है तो धीरे-धीरे कर यह अतिक्रमण कई किमी में फैल जाएगा। सामान्य दिनों की बात करें तो दिन में अस्थाई ठिकानों में व्यवसाय शुरू होने के बाद सड़कों की चौड़ाई का पता नहीं लगता, जबकि, रात के अंधेरे में शहर की प्रत्येक सड़क खंडों की चौड़ाई का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

बाजार में नहीं है पार्किंग की व्यवस्था शहर की हृदयस्थली दरभंगा टावर, हसनचक, सुभाष चौक, बाकरगंज, अल्लपटटी, दोनार, मिर्जापुर, पूनम सिनेमा रोड, स्टेशन रोड, जीएम रोड, शिवधारा, कादिराबाद में सबसे ज्यादा हालत खराब है। ये सभी मार्ग किसी न किसी गांव के बाहरी हिस्से से सटे हैं। लोगों ने सड़क किनारे जमीन खरीदकर वहां बड़े- बड़े शोरूम और शॉपिग मॉल तो बना लिए, लेकिन वहां आने वाले लोगों की पार्किंग के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया। ऐसे में इन बाजारों में खरीदारी के लिए आने वाले लोग सड़कों पर गाड़ी खड़ी कर दिया करते है और खरीदारी करने मॉल या दुकानों में चले जाते हैं। इसके कारण सड़क पर रह-रहकर जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। कई स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस नहीं रहने के कारण जाम को हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। आधा किमी की दूरी करने में लोगों को घंटों लग जाया करते है। जहां-जहां ट्रैफिक पुलिस तैनात भी किए गए है, उन स्थानों पर भी ट्रेनिग की कमी के कारण पुलिसकर्मियों के पसीने छूटते रहते है।

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