बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने जारी की गाइडलाइन्स

बिहार चुनाव 2020 में चल रहे कोविड -19 महामारी के बीच होने वाला पहला विधानसभा चुनाव होगा, जिसकी तारीखों की घोषणा भारत निर्वाचन आयोग कर चुका है। वहीं अगस्त 2020 में, चुनाव आयोग ने महामारी के बीच चुनाव और उपचुनाव कराने के लिए एक मानक दिशानिर्देश जारी किए थे। जिसके अनुसार, साल 2020 के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान मौन तरीके से किए जाने का फैसला लिआ गया है। वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव 3 चरणों में करवाया जाएगा जिसकी तारीखें भी तय कर ली गई हैं। पहला चरण 28 अक्टूबर 2020 को आयोजित करवाया जाएगा, दूसरा चरण 3 नवंबर, तीसरा और आखरी चरण 7 नवंबर को आयोजित होगा। वहीं, 10 नवंबर को चुनावों का परिणाम दिया जाएगा ।

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बिहार चुनावों के लिए दिये गए कुछ खास दिशानिर्देश :

1) डोर-टू-डोर अभियान प्रतिबंधों के अधीन है। उम्मीदवार सहित केवल पांच (सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर) लोगों को  डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के लिए अनुमति दी गई है।

2) वाहनों के काफिले को 10 वाहनों की जगह हर 5 वाहनों के बाद तोड़ा जाना चाहिए। वाहनों के काफिले के 2 सेटों के बीच का अंतर 100 मीटर के अंतराल के बजाय आधा घंटा होना चाहिए।

3) हर व्यक्ति को चुनाव-संबंधी हर गतिविधि के दौरान फेस मास्क पहना अनिवार्य है।

4)सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए जगह-जगह बूथ और हर बूथ पर सैनिटाइजर, साबुन और पानी उपलब्ध होगा ।

5)बड़े हॉल की पहचान, बूथ और मतगणना केंद्र के रूप में की जानी चाहिए ताकि सोशल डिस्टन्सिंग का पालन हो सके।

6)नामांकन फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसे ऑनलाइन भरा जा सकता है और जमा करने के लिए इसका प्रिंट निकाला जा सकता है।

7)शपथ पत्र भी ऑनलाइन भरा जा सकता है।

8)उम्मीदवार, सुरक्षा धन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं हालांकि नकद जमा करने का विकल्प भी उपलब्ध होगा।

9)नामांकन जमा करने के लिए उम्मीदवार के साथ केवल 2 लोग ही जा सकते हैं।

10)नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान केवल 2 वाहनों की अनुमति होगी।

11)मतगणना हॉल में 7 से अधिक मतगणना टेबल की अनुमति नहीं होनी चाहिए। हालांकी, एक निर्वाचन क्षेत्र के मतों की गिनती के लिए 3 से 4 हॉल लिए जा सकते हैं।

बिहार के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1,500 से घटाकर 1,000 कर दी गई है। चुनाव आयोग ने पहले इस नियम को लागू करने के लिए चुनौतियों और बाधाओं का हवाला देते हुए मतदाताओं को पोस्टल बैलट की सुविधा 65 साल से अधिक नहीं बढ़ाने का फैसला किया। हालांकि, पोस्टल बैलेट नियम 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए लागू होगा, जो विकलांग हैं या कोरोनोवायरस से पीड़ित हैं।

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